Lnmu news: मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत शिक्षण केन्द्र द्वारा ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल में 20 फरवरी से होगा 10 दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन

मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत शिक्षण केन्द्र द्वारा ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल में 20 फरवरी से होगा 10 दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन

संस्कृत नहीं जाने वालों को भी सिर्फ 10 दिनों में सरल संस्कृत सीखने और बोलने का मिलेगा सुनहरा अवसर- विभागाध्यक्ष डा घनश्याम

‘पहले आओ- पहले पाओ’ सिद्धांत पर स्थान रिक्त रहने तक 100 व्यक्तियों का होगा शिविर हेतु पंजीयन- केन्द्राधिकारी डा चौरसिया

किसी भी स्कूल या कॉलेज के छात्र- छात्रा, अभिभावक, महिला या पुरुष मेरे स्कूल या संस्कृत विभाग जाकर करा सकेंगे अपना पंजीयन- प्राचार्य अमरनाथ

20 से 29 फरवरी, 2024 के बीच 10 दिनों में चित्र, संकेत, बातचीत तथा प्रश्नोत्तर आदि के माध्यम से सिखाया जाएगा संस्कृत में वार्तालाप- प्रशिक्षक अमित

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा स्थापित एवं संचालित अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र के तत्त्वावधान में “10 दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर” का आयोजन स्थानीय ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल, रुहेलागंज, कादिराबाद, दरभंगा में आगामी 20 से 29 फरवरी के बीच किया जाएगा। शिविर का ऑफलाइन वर्ग संचालन प्रतिदिन अपराह्न 1:00 से 2:00 बजे के बीच विद्यालय की कक्षा में होंगे। वहीं ऑनलाइन वर्ग संध्या 7 से 8 बजे के बीच गूगल मीट से होंगे। शिविर हेतु पंजीकृत सभी प्रतिभागियों को समापन के दिन 29 फरवरी को आयोजकों के द्वारा सहभागिता प्रमाण पत्र एवं मेडल दिया जाएगा।
शिविर के सफल संचालन, उद्घाटन, प्रतिभागियों- संख्या, पंजीयन एवं कक्षा- समय आदि के निर्धारण हेतु विश्वविद्यालय संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो की अध्यक्षता में आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक संस्कृत विभाग में हुई, जिसमें केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया, विद्यालय के प्राचार्य अमरनाथ साह, संस्कृत प्रशिक्षक अमित कुमार झा, डा ममता स्नेही, डा मोना शर्मा, डा राम पवित्र राय, जेआरएफ सदानंद विश्वास, मणि पुष्पक घोष और रीतु कुमारी, प्रशांत कुमार झा, मंजू अकेला तथा योगेन्द्र पासवान आदि उपस्थित थे।
विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने कहा कि संस्कृत एक जीवंत भाषा है जो ज्ञान- विज्ञान का अक्षय भंडार है। संस्कृत बोलने के लिए संस्कृत का विद्वान् होना जरूरी नहीं है, बल्कि इसके लिए तो प्रशिक्षण एवं निरंतर अभ्यास की जरूरत है। शिविर में किसी भी विषय के, कोई भी छात्र- युवा, स्त्री- पुरुष भाग ले सकते हैं।
केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया ने कहा कि “पहले आओ- पहले पाओ” सिद्धांत पर स्थान रिक्त रहने तक 100 प्रतिभागियों का पंजीयन किया जाएगा। प्रतिभागी संस्कृत में धाराप्रवाह बोलने की कुशलता सीखेंगे। संस्कृत प्राचीन, समृद्ध एवं वैज्ञानिक भाषा है, जिसमें उच्च मानवीय, सामाजिक एवं राष्ट्रीय भावना व्यक्त हुई है। इसे जन- जन तक पहुंचने में संस्कृत संभाषण शिविरों का लगातार आयोजन मील का पत्थर साबित हो रहा है।
स्कूल के प्राचार्य अमरनाथ साह ने कहा कि भले ही यह शिविर ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल, कादिराबाद में आयोजित हो रहा है, परंतु इसमें किसी भी स्कूल या कॉलेज के छात्र- छात्रा, नौकरी पेशा, अभिभावक, महिलाएं या पुरुष मेरे स्कूल या विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में आकर अपना पंजीयन कराकर भाग ले सकते हैं। शिविर आयोजन से अमृत सदृश्य संस्कृत भाषा का पूरे समाज में प्रचार- प्रसार होगा। मेरे विद्यालय में प्रथम कक्षा से ही संस्कृत की पढ़ाई होती है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा नियुक्त संस्कृत- प्रशिक्षक अमित कुमार झा ने बताया कि इस 10 दिवसीय शिविर में प्रतिभागियों को मौखिक, लिखित, प्रश्नोत्तरी, वार्तालाप, गायन, चित्र, संकेत और अभिनय आदि माध्यमों से सरल संस्कृत संभाषण एवं भाषा- ज्ञान सिखाया जाएगा, ताकि वे आसानी से संस्कृत बोल सकें। पंजीयन हेतु कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षक अमित कुमार झा- 6005312770, स्कूल- प्राचार्य अमरनाथ साह- 9973 338749 या केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया- 9905437636 के नंबर पर बात कर अपना पंजीयन करवा सकते हैं।

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