आपसी सामंजस्य से लिखी जाएगी नई ईबारत : प्रो0 त्रिपाठी
दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में नवनियुक्त कुलसचिव प्रो0 ब्रजेशपति त्रिपाठी ने गुरुवार को अपना पदभार सम्भाल लिया है। वे मूलतः पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय, पटना में अर्थशास्त्र विभाग के प्रध्यापक हैं और उन्होंने वहां कई प्रशासनिक पदों को सुशोभित कर चुके हैं। राजभवन ,पटना से 24 जून को ही अगले आदेश तक के लिए उन्हें संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलसचिव नियुक्त किया गया था।
कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय तथा प्रतिकुलपति प्रो0 सिद्धार्थ शंकर सिंह से शिष्टाचार मुलाकात की। अपने योगदान के बाद प्रो0 त्रिपाठी ने कहा कि मिथिला की पवित्र व ज्ञानी भूमि पर आकर काम करने का मौका मिला है, यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है। उन्होंने इसके लिए माननीय कुलाधिपति के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही कहा कि कार्यालयीय कार्यों में सभी शाखाओं के बीच आपसी सामंजस्य व विश्वास को बढ़ावा देकर कुलपति प्रो0 पांडेय के नेतृत्व में कार्य संस्कृति को मजबूत किया जाएगा और कोशिश रहेगी कि सफलता की हमसभी मिलकर नई इबारत भी लिखें। इसके अलावा राजभवन व कुलपति की उम्मीदों पर भी खड़ा उतरने का भरपूर प्रयास होगा।
इसके अलावा वैदिक ज्ञान परम्परा की उर्वर भूमि मिथिला की शिक्षा व्यवस्था के गौरवपूर्ण अतीत में संस्कृत भाषा एवं ज्ञान परम्परा को स्थापित करने के लिए भी उन्होंने अपनी प्रतिब्धता दोहरायी।
उक्त जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि इसके पूर्व उपकुलसचिव प्रथम सह निवर्तमान प्रभारी कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह ने प्रो0 त्रिपाठी को कुलसचिव की कुर्सी पर बैठाया और पग – माला पहना कर उनका स्वागत भी किया। मौके पर डॉ साह ने कहा कि कुलसचिव के रूप में कार्य कर उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला और विश्वविद्यालय के हित मे उन्होंने कई यादगार सकारात्मक कदम भी उठाए।
मौके पर सिंडिकेट सदस्य डॉ अजीत चौधरी,भूसंपदा पदाधिकारी डॉ उमेश झा, एफओ डॉ जयकिशोर चौधरी, उपकुलसचिव डॉ सुनील कुमार झा, सूचना वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक शैलेंद्र मोहन झा, विशेष पदाधिकारी तेजनारायण झा, मिथिलेश लाल दास, महावीर प्रसाद समेत कई कर्मी मौजूद थे।