CITIZEN AWAZ: उद्योग विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार सरकार की व्यवसाय-अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने

PATNA : व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ाने की मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

गोपाल सिन्हा : संवाददाता

पटना : इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) ने 27 सितंबर 2024 को पटना में ‘वित्तीय स्वतंत्रताः स्टार्टअप, एमएसएमई और व्यक्तियों के लिए सुरक्षित भविष्य की योजना’ विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई और स्टार्टअप को उनके विकास और स्थिरता के लिए उपयुक्त वित्तीय उपकरणों और सरकारी प्रावधानों की जानकारी प्रदान करना था। सम्मेलन में वित्तीय सलाहकार ने फंडिंग विकल्पों, कर लाभों और सरकारी प्रोत्साहनों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों और अनुभवी उद्यमियों ने वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, सूचित निर्णय लेने और दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा की योजना बनाने के लिए अपने विचार साझा किए।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नीतीश मिश्रा, माननीय मंत्री, उद्योग और पर्यटन विभाग, बिहार सरकार उपस्थित थे। विशिष्ट उपस्थित लोगों में आईसीसी बिहार राज्य परिषद के अध्यक्ष पी के सिन्हा; रितेश आनंद, अध्यक्ष, वित्त समिति, आईसीसी बिहार राज्य परिषद; सुश्री अनुभा प्रसाद, महाप्रबंधक (बिहार एवं झारखंड), सिडबी; और जोरा सिंह, डीजीएम, एसबीआई शामिल थे।

नीतीश मिश्रा ने बिहार को भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार की

प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसके लिए सभी क्षेत्रों में सतत विकास और अवसर सुनिश्चित करने पे जोर दिया। उन्होंने वित्त,

प्रौद्योगिकी और बाजार के अवसरों में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयाश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया। मिश्रा ने

विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के सक्रिय प्रयासों की चर्चा की और एमएसएमई

तथा स्टार्टअप को उपलब्ध संसाधनों और योजनाओं का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने नवाचार, उद्यमिता और

व्यापार में आसानी के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर राज्य के ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उद्घाटन सत्र के बाद, दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। पहले सत्र का विषय था ‘एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए इनोवेटिव फाइनेंसिंग सॉल्यूशंसः चुनौतियों का सामना करना और विकास की संभावनाओं को अनलॉक करना, जिसमें विभिन्न वित्तपोषण रणनीतियों की चर्चा की गई। दूसरे सत्र का विषय था ‘वित्तीय कल्याण का निर्माणः सतत विकास के लिए प्रभावी व्यक्तिगत वित्तपोषण रणनीतियाँ, जो व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इन सत्रों में बिहार के प्रमुख बैंकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई और उपस्थित लोगों के प्रमुख प्रश्नों का उत्तर दिया गया, जिससे उन्हें नवाचार, स्केलेबिलिटी और लाभप्रदता के लिए वित्तीय संसाधनों के प्रभावी उपयोग की गहरी समझ मिली।

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