दरभंगा : सूचना भवन, बिहार, पटना के सभागार में मंत्री सूचना एवं जन संपर्क विभाग महेश्वर हजारी के अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम में उपस्थित मंत्री एवं वरीय अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुरुआत किया गया। मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए 13 जुलाई 2019 को राज्य सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक में लिये गये निर्णय के उपरांत बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान का शुभारंभ किया गया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के अन्तर्गत 11 अवयवों को शामिल किया गया है, जिनमें सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करना, सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हित कर जीर्णोद्धार करना, सार्वजनिक कुओं के चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार करना, सार्वजनिक कुओं/ चापाकल के किनारे सोख्ता का निर्माण करना, छोटी-छोटी नदियों/नालों में एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेक डैम का निर्माण करना, नए जल स्रोतों का सृजन, नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्र में जल ले जाना, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचनाओं का निर्माण, पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण, वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं तकनीकों का उपयोग, सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत एवं गयारहवाँ अवयव है।
उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान है, जिसे सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, बिहार सरकार प्रचार प्रसार करा रही है।
उन्होंने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग जल-जीवन-हरियाली अभियान के साथ साथ बिहार सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को आम जनमानस के लाभ हेतु व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करती है।
निदेशक, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, बिहार सरकार ने संबोधित करते हुए कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, इसमें सभी विभागों के कार्यों को समरूपता प्रदान करते हुए एक दिशा प्रदान की गई है ताकि जलवायु परिवर्तन से हम लोग लड़ सके।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ पर जलवायु परिवर्तन में होने वाले विभिन्न खतरे को बेहतर तरीके से समझा है। बहुत अच्छे माध्यम से रणनीति तैयार कर मिशन के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली योजना को चलाई जा रही है। हमारे आज के जेनरेशन एवं आने वाले पीढ़ी जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से बच सके।
उन्होंने कहा कि इस अभियान में 15 विभाग शामिल हैं- जिनमें ग्रामीण विकास विभाग, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, कृषि विभाग, भवन निर्माण विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग शामिल है।
उन्होंने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान का गहन प्रचार-प्रसार कराया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार फेसबुक लाइव के माध्यम से कराया जा रहा है।
मिशन निदेशक जल-जीवन-हरियाली प्रतिभा रानी द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजना के संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया ।
कार्यक्रम में उपस्थित वरीय पदाधिकारी ने भी जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित अपनी बातों को रखा।
बिहार की पारिस्थितिकीय चुनौतियों एवं पर्यावरण में परिवर्तन को देखते हुए सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गई। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण अभियान है। जल है, हरियाली है, तभी जीवन है। हम सबको इसके प्रति संवेदनशील तथा तत्पर रहना होगा। सभी क्रियान्वयन विभागों को अपने-अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन करना होगा। जलवायु परिवर्तन एवं उसके बढ़ते दुष्परिणामों को रोकने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों के प्रति हम सबको प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा।
अपने संबोधन में कहा कि इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च आज ् वनप्राथमिकता है। संबंधित विभागों के पदाधिकारी लक्ष्य के बाद अनुरूप उपलब्धि हासिल करने हेतु सतत प्रयत्नशील रहें।
उक्त कार्यशाला में दरभंगा एन.आई.सी से वरीय समाहर्ता निशांत कुमार, जिला मिशन प्रबंधक, जल-जीवन-हरियाली ऋतुराज, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, सिविल सर्जन के प्रतिनिधि, जीविका के प्रतिनिधि , शिक्षा विभाग एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।