डायरिया उन्मूलन के लिए दरभंगा जिला में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक दस्त रोकथाम अभियान का होगा आयोजन
दस्त रोकथाम के लिए जिले में बनाया जाएगा 406 जिंक और ओआरएस कार्नर
दरभंगा : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत शिशु दस्त को शून्य स्तर तक लाने के लिए दरभंगा जिला में 23 जुलाई से 22 सितंबर 2024 तक दस्त रोकथाम अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले के 0 से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को ओआरएस पैकेट्स का वितरण करते हुए अभियान के दौरान दस्त से ग्रसित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई जाएगी,जिसका उपयोग करते हुए संबंधित बच्चे डायरिया बीमारी से ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।
वर्ष 2024 में आयोजित दस्त रोकथाम अभियान का मुख्य उद्देश्य डायरिया के प्रसार को कम करते हुए इससे होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर पर लाना है।
सिविल सर्जन डॉ.अरुण कुमार ने बताया कि 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस और जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाले मृत्यु को रोका जा सकता है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 जुलाई से 22 सितंबर 2024 तक दस्त रोकथाम अभियान चलाया जाएगा।
अभियान के दौरान अंतर्विभागीय समन्यवय द्वारा संबंधित लोगों को दस्त के रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ विकसित करते हुए दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि संबंधित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों, उप केंद्रों के साथ अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल शहरी झुग्गी झोपड़ी,कठिन पहुँच वाले क्षेत्र,बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, घुमंतू-निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे वाले क्षेत्र,अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक पाए गए हों,वहां ओआरएस-जिंक स्टॉल लगाया जाएगा,ताकि संबंधित क्षेत्र के लोगों को आसानी से ओआरएस घोल और जिंक गोली उपलब्ध हो सके।
सिविल सर्जन ने कहा कि 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के परिजनों को बच्चों के दस्त ग्रसित होने के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी से सम्पर्क करते हुए बच्चों का इलाज सुनिश्चित करवाना चाहिए ताकि बच्चा डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सके।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ.अमरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में बच्चों का दस्त रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 05 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट वितरण करते हुए परिवार के सदस्यों को ओआरएस घोल बनाते हुए उसके उपयोग करने की विधि,इससे होने वाले लाभ, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीकों आदि के बारे में जानकारी प्रदान किया जाएगा।
दस्त के दौरान बच्चों को जिंक गोली का उपयोग उसकी उम्र के अनुसार उपयोग करवाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परिजनों को जागरूक किया जाएगा।
दस्त होने पर 02 माह से 06 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली (10mg) एवं 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली (20mg) उपयोग कराने की जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परिजनों को जानकारी दी जाएगी।
दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक का खुराक बच्चों को कुल 14 दिनों तक जारी रखने की जानकारी दी जाएगी, जिससे कि दस्त ग्रसित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रखा जा सके।
उन्होंने ने बताया कि जिंक का उपयोग करने से बच्चों के दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है एवं अगले 02 से 03 महीने तक बच्चों के दस्त एवं निमोनिया से ग्रसित होने की संभावना कम हो जाती है।
उन्होंने ने बताया कि दस्त रोकथाम अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में कुल 406 जिंक-ओआरएस कार्नर बनाये जाएंगे जिस दौरान संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लक्षित बच्चों को एवं दस्त प्रभावित बच्चों को ओआरएस घोल और जिंक गोली उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला में 08 लाख 42 हजार 776 ओआरएस पैकेट्स और 07 लाख 97 हजार 328 जिंक गोली के वितरण का लक्ष्य है।
सभी प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कि स्थानीय लोगों को आसानी से ओआरएस घोल और जिंक गोली उपलब्ध हो सके।
वर्तमान में दरभंगा जिला में लगभग 3.5 लाख ओआरएस एवं 50000 जिंक उपलब्ध है।
बच्चों के दस्त ग्रसित होने के लक्षण : बच्चे के सुस्त या बेहोश हो जाना।पानी जैसा लगातार दस्त का होना।
बार बार उल्टी होना।बच्चों को अत्यधिक प्यास लगना।पानी न पी पाना। बुखार होना-मल में खून का आना।