दरभंगा : राज्यसभा के पूर्व सांसद मिथिला के लाल प्रभात झा के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शुक्रवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने संदेश में उन्हें मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का सच्चा हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्य के रूप में एवं पार्टी संगठन में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी उपलब्धि पूर्ण सेवा दे चुके प्रभात झा बहुगुण संपन्न व्यक्तित्व थे। राज्यसभा में पहली बार अपनी मातृभाषा मैथिली में अपनी बात रखने वाले मिथिला के लाल प्रभात झा अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए मिथिलावासी के दिलो-दिमाग में हमेशा जीवंत बने रहेंगे।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें मिथिला-मैथिली के विकास के लिए सतत चिंतनशील रहने वाला हितचिंतक बताते कहा कि जीवन पर्यन्त वे पुनौरा धाम में जानकी मंदिर निर्माण के अभियान में लगे रहे। डा बुचरू पासवान ने उन्हें युगद्रष्टा व त्यागी पुरुष बताया। प्रो जीवकांत मिश्र ने उन्हें मिथिला- मैथिली का हितचिंतक बताते हुए मिथिला के सांस्कृतिक विकास में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि सामाजिकता के रास्ते राजनीतिक विकास में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले प्रभात झा की कर्मभूमि भले मध्यप्रदेश थी, पर मिथिला से अपना नाता उन्होंने आजीवन जीवंत बनाये रखा।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि रामजन्म भूमि की तर्ज पर पुनौरा धाम में जानकी मंदिर निर्माण को लेकर वैचारिक क्रांति लाने वाले व्यक्ति के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे। डॉ महेंद्र नारायण राम ने उन्हें संवेदनशील पत्रकार और राजनेता बताया। संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में महात्मा गाँधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा, हरिश्चंद्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, डॉ उदय कांत मिश्र, डॉ महानंद ठाकुर, दुर्गानंद झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, मणिभूषण राजू, नवल किशोर झा आदि शामिल रहे।