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CITIZEN AWAZ: मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना,मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यकी विशेष सहायता योजना

मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यकी विकास योजना,मत्स्य प्रशिक्षण एवं अन्य राज्य योजनाओं के संबंध में

दरभंगा : समाहरणालय स्थित जिला जन-संपर्क कार्यालय दरभंगा से मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यकी विशेष सहायता योजना, मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यकी विकास योजना,मत्स्य प्रशिक्षण एवं अन्य राज्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दरभंगा श्री अनुपम कुमार जिला प्रशासन, दरभंगा के फेसबुक पेज DM Darbhanga के माध्यम से दिया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना राज्य सरकार के आत्मनिर्भर बिहार के तहत सात निश्चय-2 के अंतर्गत यह योजना लाई गई है। इस योजना का उद्देश्य अविकसित एवं अव्यवहृत निजी चौर भूमि को विकसित कर मत्स्य पालन योग्य बनाना है।
मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी, रोजगार के अवसर सृजित होंगे, लाभुक अपनी इच्छा अनुसार एक तालाब,दो तालाब एवं चार तालाब का निर्माण कर सकते हैं, औसत इकाई लागत 8.70 लाख प्रति हेक्टेयर।
अनुदान 50 प्रतिशत सामान्य वर्ग 4.35 लाख,70 प्रतिशत ईबीसी,एससी/ एसटी को 6.09 लाख दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। योजना हेतु निजी /लीज सरकार नाम पर भूमि का होना आवश्यक है। लीज के संबंध में 1000 रुपये का नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर की गई एकरारनामा न्यूनतम 09 वर्ष का होगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा वांछित कागजात यथा- लगान राशि अद्यतन या एक वर्ष पूर्व की, जमीन का नक्शा की छाया प्रति, प्रस्तावित भूमि के साथ फोटो, बैंक पासबुक की छाया प्रति,आधार कार्ड, शपथ पत्र एवं सहमति पत्र आवश्यक है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों का निबंधन होना जरूरी है। आवेदक इस लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं www.fisheries.bihar.gov.in। उन्होंने कहा कि मत्स्य प्रशिक्षण प्राप्त लाभुकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार योजना के संबंध में जानकारी दिया।
इस कार्यक्रम के तहत राज्य के अंदर स्थित संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता है जिनमें मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र मीठापुर, डीएनएस पटना, आईसीएआर पटना, कॉलेज ऑफ़ फिशरीज किशनगंज आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि 100 रुपये का निबंधन शुल्क कराना होगा, आने जाने रहने खाने का पुर्णतः निशुल्क है।
तालाब मत्स्यकी विशेष सहायता इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के अति पिछड़ा वर्ग/ अनुसूचित जाति/ जनजाति के मत्स्य कृषकों को विशेष सहायता के तहत तालाब निर्माण, बोरिंग पम्पसेट, मत्स्य इनपुट, शेड निर्माण आदि एक पैकेज योजना है। इकाई लागत 10.10 लाख रुपये प्रति एकड़ है, अनुदान 70 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री तालाब मत्स्यकी विकास योजना इस योजना में उन्नत इनपुट सब्सिडी 50% से 70% दिया जाता है।
इस योजना में मत्स्य बीज के अलावे अन्य आवश्यक इनपुट फीड,उर्वरक,दवा आदि है। निजी एवं सरकारी तालाबों पर लागू है, 04 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर इकाई लागत है।
उन्नत मत्स्य बीज मत्स्य बीज उत्पादकों को उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करने के लिए है।
यांत्रिक रोटेटर तालाब का उत्पादन क्षमता बढ़ाया जा सकता है, इकाई लागत ₹50000 है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत मछुआरों/ मत्स्य पालकों के लिए सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना के संबंध में जानकारी दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण योजना है, मुख्य उद्देश्य राज्य के मछुआरा/मत्स्य पालकों जो मत्स्य व्यवसाय के जोखिम भरे कार्य में संलग्न है, को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

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