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CITIZEN AWAZ : वृक्ष पर्यावरण के संरक्षक, हमारे जीवन के मूल आधार तथा धरती के होते हैं श्रृंगार – डॉ चौरसिया

वृक्ष पर्यावरण के संरक्षक, हमारे जीवन के मूल आधार तथा धरती के होते हैं श्रृंगार – डॉ चौरसिया

दरभंगा : आरबीजे बेला कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में वृक्षारोपण सह संगोष्ठी आयोजित
वृक्ष पर्यावरण के संरक्षक, हमारे जीवन के मूल आधार तथा धरती के श्रृंगार होते हैं। भोजन, औषधि, आवास सहित जीवन की सभी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए हम पूर्णतः वृक्षों पर ही निर्भर हैं।

परंतु आज हम अपने लोभ- स्वार्थ एवं आरामदायक जीवन- शैली के कारण अंधाधुन वृक्षों की कटाई कर रहे हैं, जिससे हमारे समक्ष अनेक गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और हम अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। उक्त बातें स्थानीय रमाबल्लभ जालान बेला कॉलेज, दरभंगा में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में “वृक्षारोपण सह पर्यावरण- संरक्षण में वृक्षारोपण का योगदान” विषय पर प्रधानाचार्य डॉ नरेन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कही। उन्होंने कहा कि यदि हम आज नहीं सचेत हुए तो संपूर्ण सजीव-सृष्टि खतरे में पड़ जाएगी और हमारी अगली पीढ़ी हमें कोसते हुए कभी माफ नहीं करेगी। डॉ चौरसिया ने लोगों का आह्वान किया कि वे निजी स्थलों के साथ ही सभी सार्वजनिक स्थलों पर भी पर्व- त्योहारों, अपने जन्म दिवसों या शादी- ब्याह के अवसरों, वर्षगांठों एवं उत्सव- खुशी के अवसरों पर अधिक से अधिक वृक्षों को लगाकर न केवल पर्यावरण को संरक्षित करें, बल्कि पूरी सृष्टि को भी बचाएं और अपने नैतिक एवं सामाजिक दायित्वों को भी पूरा करें।
इस कार्यक्रम में डॉ चौरसिया को मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग- चादर और फूल- माला से प्रधानाचार्य डॉ नरेन्द्र कुमार चौधरी ने सम्मानित किया। कार्यक्रम की शुरुआत परिसर में वृक्षारोपण से किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानाचार्य डॉ नरेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि पर्यावरण के लिए वृक्ष बहुत उपयोगी है। हमें अपने जन्म से मृत्यु काल तक वृक्षों से लाभ मिलता है। इन्हीं कारणों से हमारे पूर्वजों ने वृक्षों में देवताओं का निवास मानकर उसे पूजने की परंपरा प्रारंभ की।
कॉलेज के वर्सर सह परीक्षा नियंत्रक डॉ कृष्ण कुमार अग्रवाल ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए कहा एक वृक्ष दस पुत्र के समान होते हैं। हमें अपने जीवन में हर साल कम से कम एक वृक्ष ज़रुर लगाना चाहिए। एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो एस एन रॉय ने धन्यवाद ज्ञापन किया और विश्वविद्यालय समन्वयक का पदभार ग्रहण करने के उपरांत सबसे पहला कार्यक्रम रमाबल्लभ जालान बेला कॉलेज में करवाने के लिये आभार प्रकट किया। शिक्षक प्रो हादी सिद्दीकी तथा एनएसएस इकाई के स्वयंसेवक नायक विशाल कुमार आदि ने भी वृक्षारोपण के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में शिक्षक- लालटूना झा, ललित मोहन मिश्र, डॉ ममता झा, डॉ निरंजन प्रसाद गुप्ता, डॉ संजीव चौधरी, जीवछ प्रसाद, अनिल कुमार ठाकुर, रमेश कुमार, वीरेन्द्र पासवान, सुरेश प्रसाद मेहता, डॉ अमर नारायण राय, प्रो आशुतोष कुमार वर्मा, डॉ कैलाश नाथ झा, डॉ जितेन्द्र प्रसाद, डॉ रेखा मिश्रा, श्यामा कुमारी, रेखा झा, प्रतिभा नायक, श्याम कुमार कामती सहित एनएसएस के स्वयंसेवक- विशाल कुमार, शिवानी, सीता, गुड़िया, पूजा, स्मिता, सुलेखा, शिवानी, अंजलि, राधा, रूबी, चंद्रकला, रीतु, सुजीत, प्रिंस चंचल, राजा तथा प्रणव कुमार आदि उपस्थित थे।

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