Patna 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस पर पटना कॉलेज से डोमिसाइल के लिए महा आंदोलन–
लाठी खाए बिहारी और नौकरी ले बाहरी, अब ये नही चलेगा, डोमिसाइल लागू करें सरकार दिलीप कुमार
वोट दे बिहारी और नौकरी ले बाहरी, अब ये नही चलेगा : दिलीप कुमार
बिहार की सरकारी नौकरियों पर पहला हक बिहारियों का, डोमिसाइल लागू करें सरकार : दिलीप कुमार
पटना : बिहार की सरकारी नौकरियों मे डोमिसाइल और पारदर्शिता लागू करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। डोमिसाइल के लिए गुरुवार को राजधानी पटना मे बिहार के सभी जिलों से आए हजारों अभ्यर्थियों ने महा आंदोलन किया। पटना कॉलेज मे सभी अभ्यर्थी इकट्ठा हुए।
बिहार स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार के द्वारा महा आंदोलन का आह्वान किया गया था। पटना कॉलेज से हजारों की संख्या मे अभ्यार्थी छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व मे मार्च करते हुए गांधी चौक, मुसल्लहपुर, भिखना पहाड़ी, नया टोला, मछुआ टोली, हथुआ मार्केट होते हुए जेपी गोलंबर, गांधी मैदान पहुंचे जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया। काफी देर तक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी रहा। बाद मे पांच प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री सचिवालय वार्ता के लिए प्रशासन के द्वारा ले जाया गया।
प्रतिनिधि मंडल मे छात्र नेता दिलीप कुमार के साथ शशिकला, सुष्मिता, दीपक पाण्डेय और रवि शंकर सिंह शामिल थे। दिलीप कुमार ने बिहार सरकार से बिहार की सरकारी नौकरियों मे डोमिसाइल और पारदर्शिता लागू करने की मांग किया। दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार की सरकारी नौकरियों पर पहला हक बिहारी छात्रों का है। वोट दे बिहारी और नौकरी पाए बाहरी ये अब नही चलेगा। लाठी खाए बिहारी और नौकरी ले बाहरी अब ये नही चलेगा।
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों मे प्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल लागू है जिससे बिहार के अभ्यर्थियों का नुकसान हो रहा है।
कुछ राज्यों मे परीक्षा की प्रक्रिया और सिलेबस ऐसा बनाया गया है जिससे उस राज्य से संबंधित प्रश्न अधिक पूछकर उस राज्य के अभ्यर्थियों को फायदा पहुँचाया जाता है यानी अप्रत्यक्ष रुप से डोमिसाइल लागू है।
बिहार मे बीपीएससी टीआरई (शिक्षक भर्ती) मे प्राथमिक मे सौ प्रतिशत डोमिसाइल लागू किया जाए क्योंकि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा मे देने से बच्चों को फायदा होता है। बीपीएससी टीआरई मे माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक तथा दारोगा, सिपाही, लाइब्रेरियन, बीएसएससी, सहित बिहार की सभी सरकारी नौकरियों मे 90 प्रतिशत डोमिसाइल प्रत्यक्ष रूप से लागू किया जाए। 10 प्रतिशत सीट खुला रखा जाए जिसमे बिहार से बाहर के अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर हो सकता है तथा मेरिट के आधार पर बिहार के अभ्यर्थी भी चयनित हो सकते हैं। साथ ही बिहार के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं मे बिहार से संबंधित प्रश्न भी अधिक-से-अधिक पूछकर अप्रत्यक्ष रूप से भी डोमिसाइल लागू किया जाए। इसके लिए अलग से एक पेपर हो जिसमे सिर्फ बिहार से संबंधित प्रश्न ही पूछे जाएं।
दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार की जनसंख्या भी अधिक है और यहाँ फैक्ट्रियाँ भी नही है। रोजगार का एकमात्र सबसे बड़ा साधन सरकारी नौकरी ही है। पूरे देश मे सबसे अधिक बहाली बिहार मे ही निकल रही है जिसके लिए हम नीतीश सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं। बिहार में जितनी बहालियां आ रही है उसकी तुलना अन्य राज्यों में बहुत कम बहाली आ रही है या ना के बराबर बहाली आ रही है। इस कारण पूरे देश के अभ्यर्थी बिहार की बहालियों मे बड़ी संख्या मे शामिल हो रहे हैं।
बीपीएससी टीआरई मे कुछ विषय मे सामान्य श्रेणी मे बिहार से बहुत अधिक बिहार से बाहर का चयन हुआ। इसलिए बिहारी छात्रों के हित मे डोमिसाइल लागू होना चाहिए। बिहार सरकार से मांग है कि बिहार मे डोमिसाइल लागू किया जाए। साथ ही बीएसएससी, दारोगा, सिपाही, लाइब्रेरियन सहित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं मे पारदर्शिता लायी जाए।
दिलीप कुमार ने कहा कि सात दिन के अंदर सरकार के द्वारा डोमिसाइल पर कोई निर्णय नही लिया जाता है तो फिर से आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन मे प्रियंका पटेल, फरहा खातून, खुशबू , अनामिका, मोना, रौशन, रवि दास, राजेश मालाकर, संतोष, विक्रम , आर्यन , अभिनव, आकांक्षा, रीतू, विकास सहित हजारों अभ्यर्थी शामिल थे। इस आंदोलन की सबसे खासियत यह रही कि महिला अभ्यर्थियों की भागीदारी बड़ी संख्या मे रही।