CITIZEN AWAZ: नए आपराधिक कानून व डिजिटल तकनीक की जानकारी को लेकर सिमरी थाना ने कार्यशाला का आयोजित किया

राजीव सिंह : संवाददाता

पुलिस की सकारात्मक पहल सिमरी थाना में जनप्रतिनिधि व आम लोगों के बीच कार्यशाला

राष्ट्रीय गान के साथ न्याय की जटिल प्रक्रिया के बचाव पर चर्चा

दरभंगा सिंहवाड़ा : नए आपराधिक कानून को आम नागरिक के बीच केन्द्रित बनाने को लेकर पुलिस ने सकारात्मक पहल की है। सोमवार को सुबह 10.30 बजे सिमरी थाना परिसर पर जागरूकता अभियान के साथ जनप्रतिनिधि ,राजनितिक दल के साथ संवाद स्थापित कर न्याय व कानून प्रणाली से आम लोगों को अवगत कराया गया।

पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष बिरेन्द चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्र गान के बीच तीन नए आपराधिक कानून पर विशेष रूप से चर्चा कर डिजिटल तकनिकी की जानकारी दी। उन्होंने कहा नए आपराधिक कानून की धाराओं के अनुसार केस दर्ज करने की प्रशासनिक तैयारी थाना स्तर से करली गई है।पीनल कोड (आइपीसी)की जगह पहली जुलाई सोमवार से नए आपराधिक कानून के तहत थाना में प्राथमिकी दर्ज होंगे।
पहली जुलाई से नए आपराधिक कानून की धाराओं के अनुसार केस दर्ज करने की प्रशासनिक तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि थाना स्तर के सभी पदाधिकारी और अनुसंधानकर्ता को नए कानून का प्रशिक्षण पूरा हो गया है।तीन नए कानून पहली जुलाई से प्रभावी करने को लेकर आम लोगों के बीच सजगता की आवश्यक्ता है। नये प्रावधान के अनुसार इंडियन पीनल कोड (आइपीसी)की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस)क्रिमिनल प्रोसिजर कोड(सीआरपीसी) के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएन एस एस)और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा।पुलिस की जांच प्रक्रिया व कोर्ट ट्रायल में अब बदलाव होगा।हत्या मामले में आइपीसी की धारा 302 की जगह अब 103 बीएनएस एवं दुष्कर्म में 376 की जगह 64 बीएन एस लगाई जाएगी।पहली जुलाई से इस तरह का मुकदमा नए कानून के तहत ही अनुसार दर्ज होगा।पूर्व से दर्ज सभी केसों की जांच और न्यायलय में सुनवाई पूराने कानून व प्रावधान के अनुसार होगा।मालूम हो कि आपीसी में 511धाराएं थी।जिन्हें नए कानून बीएनएस में घटाकर 358 कर दिया गया है।नए कानून के तहत अब फरियादी किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं।क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के चरणों का डिजिटल रूपांतरण किया गया है।इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज प्रस्तुत करना और ट्रायल शामिल है।पीड़ित ई-ब्यान दे सकते हैं।साथ ही डिजिटल माध्यम से गवाहों अभियुक्तों ,विशेषज्ञों और पिङितों की उपस्थिति के लिए ई एपपीयरेंस की शुरुआत की गई है।अदालतों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को फिजिकल एविडेंस के बराबर माना जाएगा।मौके पर मुखिया दिनेश महतो, सरपंच अशोक पासवान,पंस तमन्ना अंसारी ,शकील खान,पूर्व मुखिया लतीफुर रहमान, नेयाज अहमद कैसर खान, सना खान,अनिल सिंह गोपाल प्रसाद, मो.शहनवाज, पंकज यादव, राम बाबू साह,विश्वनाथ सहनी,ने नए आपराधिक कानून पर अपना पक्ष रखने के साथ कहा न्याय की जटिल प्रक्रिया से अब आसानी होगी।मौके पर अपर थानाध्यक्ष पंकज रजक, महिला सब इंस्पेक्टर ज्योति कुमारी,प्रशिक्षु दारोगा अमन कुमार सुधांशु, संजीव कुमार,सहायक दारोगा लक्ष्मण प्रसाद,मेंहदी हसन,संतोष कुमार ने विचार व्यक्त किया।

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