Darbhanga की प्राचीन विरासत को पर्यटन के क्षेत्र में विश्व स्तर पर करेंगे स्थापित : डा गोपाल जी ठाकुर
दरभंगा आदि काल से ही ज्ञान कला न्याय दर्शन वास्तुकला का केंद्र बिंदु रहा है। मिथिला क्षेत्र के मन्दिर तालाब मिथिला पेटिंग, वास्तु कला, वैदिक विधियों को फिर से जीवन्त करने की आवश्यकता है। आमजनो के सहयोग तथा सरकार की मदद से दरभंगा सहित मिथिला की विलुप्त हो रही प्राचीन विरासत ओर गरिमा को वापस लाने के पहल किए जा रहे हैं।
स्थानीय सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डा गोपाल जी ठाकुर ने नए वर्ष के अवसर पर बलभद्रपुर स्थित अपने सांसद कार्यालय पर आये अपने शुभचिंतकों, पार्टी कार्यकर्ताओं तथा शहर के बुद्धिजीवियों के बीच चर्चा तथा संवाद के क्रम में उपरोक्त बातें कही।
सांसद डा ठाकुर ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि लोकसभा के बीते सत्र में उन्होंने केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी से मुलाकात के क्रम में मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा शहर में अवस्थित तीन ऐतिहासिक विशाल(पोखर) तालाब हराही-दिग्घी-गंगासागर जो लगभग 700-800 वर्ष पुराना है का सौंदर्यीकरण कर इसे वैश्विक स्तर पर “आइकाॅनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन” के रूप में विकसित किए जाने के संदर्भ में आग्रह पत्र दिया था तथा इन तालाबों की ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक महत्ता पर मंत्री शेखावत के साथ विस्तार से चर्चा की जिसपर मंत्री शेखावत ने उन्हें शीघ्र इसकी औपचारिकताएं पूरी करने का आश्वासन दिया है।
सांसद डा ठाकुर ने शहर के बुद्धिजीवियों से चर्चा करते हुए कहा कि दरभंगा महाराज का किला
ऐतिहासिक पोखर ,धार्मिक साधना के लिए क्रिकेट श्यामा माई मंदिर कुशेश्वरस्थान का मंदिर, लगमा जैसे स्थलों पर चल रहे गुरुकुल, मिथिला पेटिंग, मंदिरों का वास्तु कला जैसे ऐसे मुद्दे हैं जिनके लिए आपसी संवाद होना जरूरी है। सांसद डा ठाकुर ने महाकवि विद्यापति विश्व कवि कालिदास याज्ञवल्क्य जैसे मनीषियों की संवाद कला को फिर से वापस लाने के लिए युवाओं तथा छात्रों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस मौके पर समर्थकों तथा बुद्धिजीवियों ने सांसद को सम्मानित कर नव वर्ष की शुभकामनाएं दी।