CITIZEN AWAZ लहेरियासराय से सहरसा रेल लाइन के लिए हो रही है ठोस पहल : सांसद
दरभंगा : रेलवे के क्षेत्र में केंद्र की मोदी सरकार ने दरभंगा सहित मिथिला क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया है। मिथिला क्षेत्र के रेलवे कॉरिडोर को देश के हर कोने से मजबूत कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है जो यहां के लिए आने वाले समय में आवागमन की दृष्टि से वरदान साबित होगा।
दरभंगा सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक तथा रेलवे मंत्रालय के स्थाई कमिटी के सदस्य डॉ गोपाल जी ठाकुर ने शुक्रवार को रेल भवन में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में भाग लेने के बाद उपरोक्त बातें कही।
रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन सीएम रमेश की अध्यक्षता में आयोजित की गई बैठक में सांसद डा ठाकुर ने दरभंगा सहित मिथिला क्षेत्र की महत्वपूर्ण परियोजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की तथा अपनी बातों को मजबूती से पेश करते हुए कहा कि
वर्ष 2025-26 रेल बजट में बिहार और मिथिला के लिए ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं । विसेसकर, निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए बिहार में रेल के विकास के लिए यह बजट बहुत महत्वपूर्ण है।
सांसद डा ठाकुर ने रेल को दिए गए राशियों की चर्चा करते हुए कहा की 2014 के बाद से बिहार में कुल 86548 करोड़ के 57 चल रही परियोजनाओं में निवेश किया गया, जिससे नई रेल लाइन और अन्य ढांचागत विकास सामिल हैं। ये परियोजनाऐं बिहार के समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में महवत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सांसद डा ठाकुर ने रेलवे के क्षेत्र में मोदी के शासन को श्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार विहार में भारतीय रेल के सम्पूर्ण कायाकल्प के लिए प्रतिबद्ध है। दोहरीकरण, नई लाइन इत्यादि के द्वारा नित्य रेल के विकास के साथ साथ क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक विकास के नित्य नए आयाम गढ़े जा रहे है।
सांसद डा ठाकुर ने स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में लहेरियासराय से सहरसा तथा लहेरियासराय से मुजफ्फरपुर तक नई रेल लाइन के लिए शीघ्र ठोस पहल की चर्चा की तथा रेलवे के खाली एवं बेकार पड़ी जमीन पर मखाना खेती के लिए रेलवे विभाग से पहल करने का प्रस्ताव रखा।
सांसद डा ठाकुर ने दरभंगा तथा मिथिला क्षेत्र में रेलवे में बनाए जा रहे नित नए आयाम को मिथिला के विकास के प्रति भाजपा तथा मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक बताते हुए कहा रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के साथ साथ अब मिथिला क्षेत्र में रेलवे को रोज़गार श्रृजन का माध्यम बनाने के लिए भागीरथी पहल की आवश्यकता है।