विकास आयुक्त के कर कमलों से दिया गया चेक व स्वीकृति पत्र
दरभंगा : दरभंगा प्रेक्षागृह में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा पशुपालक,मत्स्य पालक एवं गोपालक के 143 लाभार्थियों के बीच चेक व स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन श्री विवेक कुमार सिंह विकास आयुक्त बिहार, डॉ.एन. विजयलक्ष्मी प्रधान सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एवं जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशन के कर कमलों से दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस अवसर पर निदेशक पशुपालन, निदेशक मत्स्य,निदेशक गव्य,ग्लोबल कंसलटेंट राज दुबे के साथ अन्य विभागीय पदाधिकारीयों ने सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास आयुक्त ने कहा कि पशुपालन एवं मत्स्य का विषय उनके व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लाभुकों को सरकार की योजना को धरातल पर उतारने के लिए पहल करने हेतु धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि आप सिर्फ लाभुक न बने बल्कि आगे चलकर नियोजक भी बनने की मंशा रखें, इसके लिए आपको प्रयास करना है कि कैसे आप अपनी योजना में उत्तरोत्तर विकास कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार आपको योजना का लाभ देती है ताकि आप इन योजनाओं का प्रतिदर्श (सैम्पल) बन सके, दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकें।उन्होंने कहा कि गव्य, मत्स्य और पशु हमारे यहाँ घर-घर का विषय है।
उन्होंने प्रबुद्ध लोगों से भी इन योजनाओं में निवेश करने की अपील की और उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से पंजाब के कुछ किसानों पहाड़ की गोद में अवस्थित रुद्रपुर को अपनी मेहनत से हरा प्रदेश बना दिया और कृषि पशुपालन से करोड़ों की आमदनी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मछली पालन हो, गव्य पालन, बकरी पालन हो या मत्स्य पालन उसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए पूरे मनोयोग से कार्य किया जाए तभी अनुकूल लाभ प्राप्त हो सकेगा।
उन्होंने अन्य प्रदेशों के किसानों का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से वे कृषि पशुपालन,मत्स्य पालन से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को एकदम परिवर्तित कर दिया।
उन्होंने कहा कि पशुपालक को पशु की छोटी सी बीमारी में भी तुरंत सक्रियता दिखलानी चाहिए, न कि अधिक बीमार होने की इंतजार करना चाहिए।
उन्होंने कहा की मैपिंग,मॉनिटरिंग एवं मार्केटिंग के साथ-साथ विभाग को आवश्यक सेवा प्रदान करने की भी जरूरत है।प्रखण्ड स्तर पर ऐसे सर्विस सेंटर बनाने होंगे।
उन्होंने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र (डेयरी) में भी और सुधार की जरूरत बताई,इसके लिए विभाग को और कार्य करने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा आयोजित चेक स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम में विकास आयुक्त की उपस्थिति से हम सभी पदाधिकारी एवं लाभुक गण काफी प्रोत्साहित हैं।
उन्होंने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी कृषि से भी जुड़े हुए हैं, क्योंकि पशु के बिना कृषि अर्थहीन है, जहाँ कृषि होता है, वहाँ पशु भी होता है, पशुपालन कृषि का महत्वपूर्ण अंग है। कृषि के साथ-साथ पशुपालन आपकी आमदनी को कई गुना बढ़ाता देता है।
उन्होंने कहा कि एक एकड़ जमीन में मत्स्य पालन कर आप एक साल में ढाई से तीन लाख रुपये मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक एकड़ जमीन में यदि आप पॉल्ट्री फार्म खोलते हैं तो एक साल में 30 से 40 लख रुपये कमा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बकरी को गरीब आदमी का एटीएम माना जाता है, जब पैसे की जरूरत हो वो तुरंत बिक जाती है। बकरी पालन आसानी से किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का आप लाभ उठावें। ये सभी योजनाएं आपके लाभ को बढ़ाने के लिए चलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है की मछली उत्पादन में हम आत्मनिर्भर बन गए हैं, यहाँ तक की अन्य राज्यों में भी मछली का निर्यात किया जा रहा है।
उन्होंने कहा की डेयरी उत्पादन में भी कॉम्फेड एवं सुधा के माध्यम से हम बहुत अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। आज हम 29 लाख लिटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन कर रहे हैं और लगभग 30 उत्पाद सुधा के माध्यम से बेचा जा रहा है, हमारा प्रयास है कि सुधा के बाजार को प्रखंड एवं पंचायत तक पहुंचाया जा सके। यहाँ तक की सभी कॉलेज, सभी हॉस्पिटल में सुधा के उत्पाद उपलब्ध कराए जाने पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 21, 22 एवं 23 दिसंबर को पटना के वेटरनरी कॉलेज मैदान में दुग्ध उत्पादन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
उसमें सर्वाधिक दूध देने वाली गाय और भैंस के बीच प्रतियोगिता होगी। इस आयोजन में बहुत सारी योजनाओं का शुभारंभ भी किया जाएगा।
उन्होंने अंडा उत्पादन को और बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हमारे लाभुक प्रेरक के रूप में काम करते हैं इनसे प्रेरणा लेकर अन्य व्यक्ति भी इनके मॉडल को अपना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की योजनाएं न सिर्फ आपको रोजगार देगा बल्कि इन योजनाओं के माध्यम से आप भी दूसरे को रोजगार दे सकते हैं।
स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह के आयोजन किसी भी जिला में योजनाओं को द्रुत गति से विकसित करने वाले में सहायक सिद्ध होता है।
साथ ही इस तरह के आयोजन से लोगों को सरकार की क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी मिलती है और साथ-साथ लोग प्रेरित भी होते हैं। इस क्षेत्र में जो लोग अच्छा काम कर रहे हैं, उसे देखकर दूसरे लोग को प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने विकास आयुक्त,प्रधान सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग सहित सभी पदाधिकारीयों का हार्दिक स्वागत किया।
कार्यक्रम में उपस्थित 143 लाभुकों को योजनाओं के लाभ के चेक एवं स्वीकृति पत्र विकास आयुक्त, प्रधान सचिव के कर कमलों से प्रदान किया गया, जिनमें मत्स्य के 80, गव्य के 50 एवं पशुपालन के 13 लाभार्थी शामिल थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विकास आयुक्त द्वारा विभागीय स्टॉल का अवलोकन किया गया, जहाँ मछली पकड़ने वाला जाल, विभिन्न वाहन के साथ आईस बॉक्स एवं अन्य सामग्री प्रदर्शित किए गए थे।