लगभग 7 करोड़ की राशि से राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में हो रहा विकास कार्य : गोपाल जी ठाकुर
सांसद ने राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में 50 लाख रूपये के वैज्ञानिक उपकरणों का किया लोकार्पण और किसानों के बीच वितरित की कृषि सामग्री
दरभंगा : आज दरभंगा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आयोजित “दरभंगा के किसानों के लिए एकदिवसीय प्रशिक्षण सह कृषि सामग्री वितरण कार्यक्रम” में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, वहीं मखाना अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. इन्दु शेखर सिंह ने मिथिला परंपरा अनुसार उनका स्वागत किया। उन्होंने अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत किसानों के बीच कृषि सामग्री यथा – स्प्रेयर, पैडी विडर, वर्मी कम्पोस्ट आदि का वितरण किया और शोध(रिसर्च) हेतु मखाना अनुसंधान केंद्र में 50 लाख रूपये के नए वैज्ञानिक उपकरणों का लोकार्पण किया। उन्होंने मौजूद अन्नदाताओं को संबोधित करते हुए लोगों को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एवं दरभंगा व मिथिला क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक विकास कार्यों की जानकारी दी।
सांसद डॉ. ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दरभंगा स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र को पुनः राष्ट्रीय दर्जा देने का ऐतिहासिक कार्य किया गया और सभी जल उत्पाद के राष्ट्रीय शोध केंद्र का दर्जा देते हुए इस संस्थान को स्थापित किया। उन्होंने कहा कि मिथिला की पहचान व प्रमुख फसल मखाना की उपज मुख्य रूप से सिर्फ मिथिला क्षेत्र में ही होती है, पूरे देश के उत्पादन का लगभग 80 से 90 फीसद उपज मिथिला के इस भू-भाग में होती है। उन्होंने कहा कि मखाना की महत्ता को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार द्वारा 28 फरवरी 2002 को मिथिला के केंद्र दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई थी ताकि मखाना का विकास उच्च स्तर पर हो सके, परंतु पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा राजनीतिक साजिश के तहत इसका राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया गया था।
सांसद ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार दरभंगा व मिथिला क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में लगभग 7 करोड़ की राशि से विकास कार्य किया जायेगा, जिसमें शोध के लिए बुनियादी विकास, भवन का जीर्णोधार, चाहरदीवारी व सड़क निर्माण सहित अन्य कार्य किए जा रहे है।
सांसद ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मिथिला क्षेत्र का प्रमुख फसल मखाना को “मिथिला मखाना” के नाम से जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई टैग) पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि मखाना अनुसंधान केन्द्र को राष्ट्रीय दर्जा दिए जाने और मखाना का जीआई टैग, मिथिला मखाना के नाम हो इसके लिए लम्बे समय से प्रयासरत था, जो मोदी सरकार में पूरा हो रहा है।
सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तब से दरभंगा व मिथिला में विकास को एक नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा वोकल फॉर लोकल का मंत्र देते हुए, एमएफएस के तहत मखाना सहित अन्य उत्पादों के बेहतर विकास और ग्लोबल मार्केटिंग हेतु दस हजार करोड़ रुपया प्रावधान किया।
इस दौरान राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. इन्दु शेखर सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष जीवछ सहनी, पूर्व महापौर गौड़ी पासवान, वार्ड पार्षद विकास चौधरी, राजू पासवान, संजीव साह, ज्योतिकृष्ण झा लवली, सुजीत मल्लिक, अश्वनी यादव, विनय पासवान, प्रमोद चौधरी, नरेश राम, मुनींद्र यादव, बालेंदु झा, प्रेम मिश्रा रिंकू, ज्वाला चौधरी, कन्हैया पासवान, अजय राम, शिवशंकर सिंह, निर्मल राय, कन्हाई महतो, शशिभूषण चौधरी सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहें।