पंजाब के किसानों को अपनी चिंता है इसलिए आंदोलन कर रहे हैं और मोदी जी को भी झुकना पड़ा, बिहार के किसान अपना धान समर्थन मूल्य से कम पर बेच कर सो रहे हैं तो कैसे भला होगा : प्रशांत किशोर
सहरसा : जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि खेती-किसानी यहां सभी लोग करते हैं। अभी दो महीने पहले ही धान कटा है। धान की कीमत है 2150 रुपए प्रति क्विंटल। लेकिन, आपने उसे 1600, 1700, 1800 रुपए में बेचा। हर किसान को मालूम है कि अगर वे 2150 रुपए में बेचते तो उन्हें अच्छी आमदनी होती। लेकिन, आपको इसकी कोई फिक्र ही नहीं है। धान, गेहूं, मकई के दाम पर आपने वोट ही नहीं दिया। पंजाब में जो किसान हैं उन्होंने 2150 रुपए में धान बेचा है और मोदी जी को दिल्ली में घेरा है कि हमको और पैसा चाहिए। बिहार के किसानों ने 1600 रुपए में धान बेचा है और दाल, भात, चोखा खाकर सहरसा में सोए हुए हैं। उनको कोई चिंता ही नहीं है। आप पढ़ाई के लिए वोट ही नहीं दीजिएगा, अपने रोजगार और आमदनी के लिए वोट ही नहीं दीजिएगा तो आपकी दशा सुधरेगी कैसे? कोई कहेगा कि इस बात की क्या गारंटी है कि रोजगार के लिए वोट देने पर रोजगार मिलेगा? मैं आप लोगों को लिख कर दे रहा हूं, वोट चाहे जिसे देना है दे दीजिए, वोट दीजिए लालू जी को या मोदी जी को लेकिन रोजगार मिलेगा।
*बिहार में लोगों ने कभी अपने बच्चों की पढ़ाई-रोजगार के लिए वोट ही नहीं दिया: प्रशांत किशोर*
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में लोगों ने जीवन में कभी अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए वोट ही नहीं दिया। ये आपकी बर्बादी का पहला कारण है। कुछ आदमी हैं जो कहेंगे कि पढ़ाई के लिए कोई वोट मांगने आया ही नहीं? वहीं इस बात की क्या गारंटी है कि पढ़ाई करने से लोगों को रोजगार मिलेगा? इतनी बात तो हर किसी को पता है कि अगर यहां फैक्ट्री लग जाए तो लोगों को यही पर रोजगार मिलेगा। लेकिन, किसी ने आजतक फैक्ट्री रोजगार के लिए वोट ही नहीं दिया। अगर, आप अपने बच्चों की पढ़ाई और रोगजार के लिए वोट नहीं देंगे तो वो कैसे मिलेगा? इसलिए अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट दें।
प्रशांत किशोर ने 9 किलोमीटर तक की पदयात्रा
प्रशांत किशोर ने बुधवार को बनमा इटहरी ब्लॉक में कुल 9 किलोमीटर तक पदयात्रा की। इस दौरान वे कुसमी गांव के मैदान से पदयात्रा शुरू कर पानी टंकी कुसमी होते हुए महारस, कासिमपुर, पालाम के बाद पहाड़पुर गांव के महंत नारायण दास हाई स्कूल तक गए।