शिक्षा विभाग का निर्णय सराहनीय कदम
पटना में दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे संस्कृत विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी
संवाददाता : यूनिवर्सिटी
दरभंगा : बदलते समय में अपने आप को अपडेट रखना बहुत ही जरुरी है। ऐसे में सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के लिए उन्मुखी कार्यक्रम आयोजित करना एक बेहद ही सराहनीय कदम है। इससे बेशक न सिर्फ कार्य संस्कृति में सुधार आएगा बल्कि कर्मियों के बीच आपसी समझ व समन्वय विकसित करने में भी मदद मिलेगी। उपलब्ध संसाधनों का ससमय प्रभावी उपयोग होगा। लाजिमी है कि मार्गदर्शन के बाद कार्यों को प्राथमिकता मिलेगी और बुनियादी उद्देश्यों की पूर्ति में भी तेजी आएगी। पटना के चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में दो व तीन मार्च को शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित होने वाले दो दिवसीय उन्मुखी कार्यक्रम की सूचना पर संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने उक्त बातें कही। साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम में मुस्तैदी से भाग लेने के लिए सम्बन्धित शाखाओं को भी तैयारी करने को कहा है।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने प्रदेश के सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रस्तावित उन्मुखी कार्यक्रम में भाग लेने का अनुरोध किया है। इधर, आदेश मिलते ही संस्कृत विश्वविद्यालय में इस निमित्त तैयारी शुरु कर दी गयी है।
बिपार्ड व विधि विशेषज्ञ सिखाएंगे गुर
पटना के विधि विश्वविद्यालय में आयोजित आवासन सहित उन्मुखी कार्यक्रम में बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (विपार्ड), बोधगया एवं विधि विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। ये विशेषज्ञ ही सभी स्तर के प्रशासनिक व वित्तीय कार्यों की समझ विकसित करेंगे और कार्यों में दक्ष होने के साथ साथ नेतृत्व क्षमता के गुर भी सिखाएंगे। विश्वविद्यालयों को 12 फरवरी को भेजे पत्र में सचिव ने उन्मुखी कार्यक्रम में कुलपति, प्रतिकुलपति, वित्त परामर्शी, वित्त पदाधिकारी, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक से भाग लेने की अपेक्षा की है।
इन विषयों पर रहेगा मुख्य फोकस
कार्यक्रम में नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक विषय एवं वित्तीय प्रबन्धन समेत अन्य विषयों पर विशेषज्ञों का मुख्य फोकस रहेगा। ओरिएंटेशन से पूर्व विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों से सम्बंधित एक सामान्य प्रस्तुतिकरण भी दिया जाएगा। इसके अलावा वित्तीय नियमावली (बीएफआर/ जीएफआर), वार्षिक बजट, न्यायायिक मामलों के निष्पादन,अनुशासनात्मक कार्रवाई, प्रोन्नति समेत अन्य विषयों पर बिपार्ड व विधि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ अपने सुझाव व मार्गदर्शन देंगे। एकेडमिक कैलेंडर व परीक्षाफल प्रकाशन, उपलब्ध राशि का समयबद्ध तरीके से महत्तम उपयोग, छात्रों से सम्बंधित शिकायत निवारण, आदर्श आरक्षण रोस्टर के पालन पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी। साथ ही विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के कार्यों को सुगम बनाने के लिए विभाग द्वारा लिए निर्णयों पर भी फोकस रहेगा।