CITIZEN AWAZ : कृषि विज्ञान केंद्र जाले में आंवला प्रसंस्करण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

KVK Jale :  कृषि विज्ञान केंद्र, जाले, दरभंगा मे ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए आयोजित आंवला प्रसंस्करण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ किया गया ।केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी जानकारी प्रदान कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है । उन्होंने बताया आंवला एक प्रचुर पोषक तत्वों से युक्त औषधिय फल है जिसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है ।महिलाओं तथा बच्चों के लिए आंवला का सेवन बहुत फायदेमंद होता है ।आंवला के कच्चे और पके फलों द्वारा विभिन्न प्रकार के गुणवत्तायुक्त और स्वास्थ्य उपयोगी खाद्य व पेय पदार्थ बनाए जा सकते हैं तथा इसे रोजगार का एक बेहतर जरिया बनाया जा सकता है ।

प्रशिक्षण की संयोजिका गृह वैज्ञानिक पूजा कुमारी ने बताया की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जाले तथा ततैला से 23 ग्रामीण महिलाएं तथा युवतियों ने हिस्सा लिया ।प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं ने आंवले के विभिन्न उत्पाद बनाना सिखा ।जैसे आवाले का मुरब्बा, आंवले की मीठी कैंडी, आंवले की गुड वाली कैंडी, आंवला पाचक,आवाले का अचार इत्यादि ।आंवला, जिसे “भारतीय करौदा” भी कहा जाता है, पोषक तत्वों से भरपूर है और विटामिन सी का सबसे समृद्ध प्राकृतिक स्रोत है। इसका व्यापक रूप से कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है। आंवले के नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। आयुर्वेद के अनुसार, आंवला सर्वोत्तम रसायनिक टॉनिक में से एक है जो त्वचा को चमकदार बनाने, रक्त को शुद्ध करने और आंखों की रोशनी में सुधार करने में मदद करता है ।आंवला पाचन में सुधार और एसिडिटी से राहत दिलाने में भी मदद करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए प्रभावी है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, डॉक्टर पवन कुमार शर्मा तथा अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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