दरभंगा : मारवाड़ी कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा “आदिकालीन एवं मध्यकालीन हिंदी कविता” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मारवाड़ी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दिलीप कुमार जी ने कहा कि हिंदी विभाग के लिए यह ख़ुशी का अवसर है यह सेमिनार कॉलेज और विभाग को समृद्ध करेगा एवं गोष्ठी के संरक्षक डॉ.अवधेश प्रसाद यादव ने इस गोष्ठी को ऐतिहासिक दर्जा देते हुए अत्यंत हर्ष के साथ आशीर्वाद प्रदान किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार जी ने रीतिकालीन पर संक्षिप्त में ज्ञानपरक व्याख्यान देकर आज की संगोष्ठी सफल बनाया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने संगोष्ठी के विषय पर विद्यापति पर उत्कृष्ठ वक्तव्य देकर संगोष्ठी को सार्थक बनाने का कार्य किया। विशिष्ट वक्ता के प्रो. विजय कुमार ने तुलसीदास पर समाज से जोड़कर बेहतर व्याख्यान दिया।
इसी क्रम में आमंत्रित अतिथि डॉ मनोज कुमार उप परीक्षा नियंत्रक ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी ने राजनीति एवं साहित्य से जोडकर उपस्थिति रहे और पुस्तक लोकार्पण के बधाई दी और सराहना की एवं डॉ. अंकित कुमार सिंह, सहायक आचार्य, बॉटनी उपस्थित होकर गोष्ठी में अपने विचार रखे। संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास जी हिंदी के विकास यात्रा पर अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ.गजेंद्र भारद्वाज और अंत में धन्यवाद ज्ञापन मनोज कुमार, शोधार्थी ल.ना.मिथिला. विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। गोष्ठी में आमंत्रित अतिथि, कॉलेज के छात्र छात्राएँ तथा महाविद्यालय के सभी विभागों के अध्यक्ष व समस्त सम्मानित शिक्षकों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की तथा महाविद्यालय के लेखापाल आनंद शंकर, वरिष्ठ लिपिक विजय कुमार एवं सौरभ सुमन तथा महाविद्यालय के अन्य कर्मचारीगणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर गोष्ठी को सफल बनाया।