CBI टीम ने पारस फर्जी डॉक्टर खुलासा किया दरभंगा के मो. शमीम फारुखी को लेकर
पटना संवाददाता : अब अगले 6 महीने तक केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत पारस पटना में मरीजों का इलाज नहीं होगा। केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के अपर निदेशक कार्यालय ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि CGHS के अंतर्गत पेंशनकर्मी, उनके परिवार के सदस्यों और केंद्रीय कर्मचारी आते हैं। CGHS पटना के अपर निदेशक ठाकुर अभय कुमार सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि पटना के पारस हॉस्पिटल में अगले 6 महीने तक इलाज नहीं होगा। वहीं, यह आदेश दिया गया है कि इस योजना के तहत पारस में इलाज के लिए एडमिट सभी मरीजों को एक सप्ताह के अंदर डिस्चार्ज कर दिया जाए। वही सात दिन चले इलाज के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाए, ताकि इसकी जांच हो सके।
पारस हॉस्पिटल पटना का प्रसिद्ध निजी अस्पताल है, जो पटना के बेली रोड पर स्थित है। जहां मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक और अफसर सभी इलाज कराते हैं। लेकिन पारस हॉस्पिटल कई बार विवादों में भी रहा है। हाल ही में फर्जी डिग्री लेकर 3 साल से पारस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर का खुलासा सीबीआई ने किया था। मामला उस वक्त सामने आया, जब यह मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहा था। लोग सोचने पर विवश हो गये थे कि जिसका डिग्री ही फर्जी है वो मरीजों का कैसे इलाज कर रहा था।
जिस फर्जी डॉक्टर के बारे में खुलासा हुआ था, उसका नाम मो. शमीम फारुखी था। वह बिहार के दरभंगा जिले का निवासी है, जो वर्ष 2020 से 2023 तक पारस हॉस्पिटल में MBBS डाक्टर के तौर पर मरीजों की जिंदगी से खेल रहा था। मामला सामने आने के बाद अस्पताल ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। अस्पताल प्रशासन ने शास्त्री नगर थाने में फर्जी डॉक्टर के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था। वही, इस दौरान CBI ने वर्ष 2022 में 74 फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसमें पारस हॉस्पिटल के फर्जी डॉक्टर मोहम्मद शमीम भी था।