मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के मार्गदर्शन में किसान भाइयों को मिल रहा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ
देश में सब्जी की खेती में बिहार का चौथा स्थान
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन महत्वपूर्ण घटक
राज्य अन्तर्गत कुल 202 शीतगृह कार्यरत, जिसकी कुल भण्डारण क्षमता लगभग 12 लाख 30 हजार मीट्रिक टन
पटना : सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को कृषि भवन, मीठापुर में जिला के चार कृषकों को रबी मौसम के लिए ब्रोकली, शिमला मिर्च, टमाटर, फूलगोभी एवं बंदागोभी के हाईब्रिड सब्जी के बिचड़े का सांकेतिक वितरण कर आलू एवं सब्जी महाभियान, 2024 के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यशाला की शुरुआत की। मौके पर कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल भी मौजूद रहे। उक्त अवसर पर अपने संबोधन में पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ किसान भाइयों को मिल रहा है। आज आलू एवं सब्जी महाभियान में राज्य के विभिन्न 14 जिलों से आए हुए सभी किसान भाइयों को इस कार्यशाला में उत्पादन बढ़ोत्तरी हेतु विभिन्न आयामों की जानकारी उन्हें लाभान्वित करेगा। राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है। भूमि उपयोग सुधारने, फसल विविधता को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर बढ़ाने तथा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा प्रदान करने में सब्जियों की अपनी अलग उपयोगिता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि दुनिया भर में भारतीय किसानों की उपज पहुँचे। साथ ही, वो आर्थिक रुप से सशक्त हों। हम आशा करते हैं कि राज्य के सभी कृषकगण कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ जुड़कर लाभान्वित होंगे तथा राज्य की सब्जी फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु अपना परस्पर सहयोग करेंगे।
पांडेय ने कहा कि देश में सब्जी की खेती में बिहार का चौथा स्थान है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्(आई॰सी॰ए॰आर॰) की ओर से इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में आलू प्रजनक बीज, प्रभेद कुफरी पुखराज की 200 क्विंटल प्राप्ति राज्य सरकार को हुई है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभाग ने आलू प्रजनक बीज 1 हजार 470 क्ंिवटल की मांग केंद्र से की, जिसकी सहमति मिल गयी है। राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है। सब्जियों से भूमि का सही उपयोग, फसल विविधता, रोजगार के मौके और राज्य की जनता को खाने और पोषण में सुरक्षा मिलती है। राज्य में मौसम आधारित सब्जी की खेती नगदी फसल के रूप में की जाती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 9.10 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 175.63 लाख मीट्रिक टन तथा उत्पादकता 19.30 मीट्रिक टन है। राज्य में आलू की खेती एक नकदी फसल के रूप में की जाती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 3.29 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 87.90 लाख मीट्रिक टन एवं उत्पादकता 26.71 मीट्रिक टन है। पांडेय ने कहा कि आलू के प्रसंस्करण हेतु उपयुक्त प्रभेद कुफरी चिप्सोना-1 के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु सात जिलों यथा औरंगाबाद, गया, पटना, नालन्दा, सारण, समस्तीपुर एवं वैशाली का चयन किया गया है। इस कार्यक्रम में किसानों की भागीदारी से 150 हेक्टेयर से आलू के कुफरी चिप्सोना-1 के उत्पाद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीज की आपूर्ति बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से किया जाना है। कृषि विभाग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र अन्तर्गत नालन्दा जिला के राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र में कुल 7 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू प्रभेद कुफरी पुखराज के प्रजनक बीज से आधार बीज उत्पादन कार्यक्रम की स्वीकृति दी गयी है। आगामी वर्ष 2025-26 में आलू बीज उत्पादन के लिए बीज की उपलब्धता हेतु कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के पोर्टल पर प्रजनक बीज की मांग को अपलोड किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में राज्य अन्तर्गत कुल 202 शीतगृह कार्यरत हैं, जिसकी कुल भण्डारण क्षमता लगभग 12 लाख 30 हजार मीट्रिक टन है। राज्य के 12 जिलों ऐसे हैं, जहाँ कोल्ड स्टोरेज की सुविधा कृषकों को प्राप्त नहीं है। इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य योजना मद से 12 जिलों में नये कोल्ड स्टोरेज टाईप-1 (आलू भण्डारण के लिए) एवं टाईप-2 (फल एवं सब्जी भण्डारण के लिए) की स्थापना पर 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। फल एवं सब्जी के भण्डारण के लिए सोलर कूल चैम्बर, जिसकी भण्डारण क्षमता 10 मीट्रिक टन है, पर 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान कृषकों के लिए किया गया है। कार्यक्रम के दौरान कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने भी अपने संबोधन में किसानों को फसल उत्पादकता से संबंधित अहम् जानकारी दी।
इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, विशेष सचिव वीरेन्द्र प्रसाद यादव, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, अपर सचिव कल्पना कुमारी, माननीय कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, संयुक्त निदेशक, उद्यान राधारमण, विभाग के मुख्यालय के पदाधिकारी, संबंधित जिलों के सहायक निदेषक एवं किसानगण मौजूद थे।