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Patna News : नीतीश कुमार ने अकलियत समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा – उमेश सिंह कुशवाहा

बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने थामा जद(यू0) का दामन

खतरे में है देश का संघीय ढांचा और सांझी विरासत – वशिष्ठ नारायण सिंह

इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो बिहार की हकमारी
दूर होगी- ललन सर्राफ़

अल्पसंख्यक वर्ग के लिए नॉर्थ इंडिया में सबसे सुरक्षित राज्य है बिहार- परवेज सिद्दीकी

Patna News

गोपाल सिन्हा : संवाददाता

पटना : सोमवार को जनता दल (यू0) मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित मिलन समारोह में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो0 परवेज सिद्दीकी एवं मो0 अताउर्रहमान के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में जदयू के माननीय प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा एवं माननीय राज्यसभा सांसद श्री वशिष्ठ नारायण सिंह की उपस्थिति में पार्टी की प्राथमिक सदस्य ग्रहण की। कार्यक्रम का संचालन पार्टी के प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौजूद विधान परिषद के मुख्य सचेतक श्री संजय कुमार सिंह ‘गांधी जी’, विधानपार्षद सह कोषाध्यक्ष श्री ललन सर्राफ़, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री डा0 अशरफ हुसैन, किशनगंज के जिला अध्यक्ष मो0 मुजाहिद आलम, मोहतरमा यासमीन खातून, मो0 इम्तियाज अहमद, मो0 फ़ैज़ अहमद, मो0 नबी अहमद, मो0 मेराज अहमद, मो0नौशाद अहमद आदि थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष  उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमारे नेता बिहार की 13 करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हैं। सभी जाति और धर्म को वो समान नजरो से देखते हैं। उन्होंने अपने शासनकाल में अकलियत समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है। साथ ही उन्होंने बिहार में सामाजिक सद्भाव को पहली प्राथमिकता दी है। बीते 18 वर्षों के उनके कार्यकाल में बिहार के अंदर एक भी सम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ।  उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि फिरकापरस्त ताकतें सामाजिक सद्भाव और तानेबाने को खत्म करना चाहती है। हमें ऐसे लोगो से सचेत और सजग रहना है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश की मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक है। हमारे नेता ने भाजपा मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया है। उसे साकार करने के लिए हमें एकजुट होना होगा। भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को उखाड़ फेंकने की जरूरत है।
राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य श्री वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि देश का संघीय ढांचा और सांझी विरासत खतरे में है। आज हमारे सामने अपने संविधान और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाने की चुनौती है। भावनात्मक मुद्दों की आड़ में समाज को बांटने और हमारे इतिहास को बदलने का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के ऊपर आने वाले संकटों को महसूस कर ही विपक्षी दलों के नेताओं को पटना बुलाया और इंडिया गठबंधन को आकार दिया। यह गठबंधन देश की आवश्यकता थी। हमें इस बात पर ध्यान केन्द्रित करना होगा की देश का युवा भाजपा के झांसे में ना आए। वशिष्ठ नारायण सिंह ने आगे कहा कि जदयू धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। जिन लोगों ने हमें आजादी दिलाई, हम उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। हमने विरासत को सुरक्षित रखने का काम किया है। हम विकास को एजेंडा में रखकर चलने वाली पार्टी हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के प्रधानमंत्री महिला आरक्षण की बात कर रहे हैं लेकिन श्री नीतीश कुमार ने पहली बार बिहार की महिलाओं को पंचायती राज और नगर निकाय में 50 फ़ीसदी आरक्षण देने का काम किया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए नीतीश कुमार ने जितना काम किया उतना किसी ने नहीं किया। तालीमी मरकज सहित कई अन्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समुदाय को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया

 

पार्टी के कोषाध्यक्ष सह विधानपार्षद ललन सर्राफ़ ने कहा भारत का संविधान और लोकतंत्र आज चुनौतियों से घिरा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ देश की 64 प्रतिशत जनता हैं, जिसे हमारे नेता नीतीश कुमार ने एकजुट किया है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो बिहार की हकमारी दूर होगी। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा। मोदी सरकार सिर्फ़ अमीरों का कर्ज माफ कर रही है। उन्हें गरीबों से कोई मोह नहीं है। देश को बचाना है तो मोदी सरकार को हटाना होगा।

परवेज सिद्दीकी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समुदाय के हितों का ख्याल रखते हैं। हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए नॉर्थ इंडिया का सबसे सुरक्षित राज्य बिहार है। इसलिए हमने संकल्प लिया है कि हम सब मिलकर आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करेंगे।

पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वालों में मुख्य रूप से मो0 मकबूल अली, मो0 जिशन अजाम, मो0 संज़ार आलम, मो0 कैफ़ी वारसी, मो0 तबरेज़ सिद्दीकी, मो0 मिराज आलम, मौलाना सुल्तान रज़ा क़ादरी आदि थे।

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