दरभंगा : बिहार मे वर्ष 2023 से शिक्षकों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा हो रही है। अभी तक टीआरई वन और टू की बहाली पूरी हो चुकी है जबकि टीआरई थ्री की परीक्षा हो चुकी है एवं अभ्यर्थी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। बीपीएससी टीआरई वन की जब वैकेंसी निकली थी तो डोमिसाइल लागू किया गया था लेकिन फिर अचानक टीआरई वन से डोमिसाइल हटा दिया गया। आगे भी किसी भी बहाली मे डोमिसाइल लागू नही किया गया।
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि डोमिसाइल हटाने से बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों का बहुत नुकसान हुआ है। किसी-किसी वर्ग एवं विषय मे अनारक्षित कोटि मे बिहार से अधिक बाहर के अभ्यर्थियों का चयन हो गया है जिसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। आरटीआई से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि टीआरई टू मे वर्ग 6-8 मे हिन्दी विषय मे अनारक्षित कोटि मे कुल 423 पुरुष अभ्यर्थी चयनित हुए थे जिसमे बिहार से बाहर के 359 पुरुष अभ्यर्थी चयनित हुए थे। अनारक्षित कोटि मे कुल 952 चयनित महिलाओं मे 776 महिलाएँ बिहार से बाहर की हैं।
अर्थात् इस कोटि मे बिहार के सिर्फ 64 पुरुष अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ जबकि बाहर के 359 पुरुष अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इसी तरह बिहार की 176 महिला अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ जबकि बाहर की 776 महिलाओं का चयन हुआ। छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों मे शिक्षक भर्ती मे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल लागू है जिसके कारण बिहार के अभ्यर्थी वहाँ फॉर्म भी नही भर सकते। बिहार मे डोमिसाइल लागू नही होने से बिहार के अभ्यर्थियों की हकमारी हो रही है। यह बिहारी छात्रों के साथ अन्याय है।
छात्र नेता दिलीप कुमार ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह मांग किया है कि बिहार के लाखों अभ्यर्थियों के हित मे बिहार मे भी डोमिसाइल लागू होना चाहिए।