ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, दरभंगा द्वारा संचालित दस दिवसीय निःशुल्क मशरूम उत्पादन एवं व्यवसाय प्रशिक्षण शिविर संपन्न
आर- सेटी से 10 दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण लेकर दरभंगा जिला के 18 से 35 वर्ष के व्यक्ति करें स्वरोजगार प्रारंभ- निर्देशक संजय कुमार सिन्हा
इम्यूनिटी बूस्टर सुपर फूड मशरूम की खेती एवं व्यवसाय आत्मनिर्भरता तथा स्वावलंबन का प्रतीक, जिसमें रोजगार की व्यापक संभावनाएं- डॉ चौरसिया*
आर- सेटी, दरभंगा द्वारा जून तक पूरे होंगे गाय पालन, बकरी, मुर्गा तथा मछली पालन निःशुल्क प्रशिक्षण शिविर- फैकेल्टी नीतू कुमारी
दरभंगा : जिला के लीड बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, बहादुरपुर, दरभंगा के तत्वावधान में चल रहे 10 दिवसीय निःशुल्क मशरूम उत्पादन एवं व्यवसाय प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुए।
सभी सहभागियों के बहुविकल्पीय लिखित, साक्षात्कार एवं प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की गई। संस्थान द्वारा सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी दिया गया। वहीं भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बेंगलुरु में तैयार प्रमाण पत्र भी इसी महीने प्रदान किए जाएंगे, जिनके आधार पर प्रशिक्षु बैंक से अपने स्टार्टअप के लिए अनुदानित ऋण भी प्राप्त कर सकेंगे।
इस अवसर पर बिहार राज्य ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक संजय कुमार ने प्रशिक्षण को रोजगार का करने का अच्छा अवसर बताया। उन्होंने गत एक से 12 मई तक चले 10 दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण में शामिल 35 प्रतिभागियों को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बेंगलुरु में तैयार प्रमाण पत्र प्रदान किया। साथ ही चल रहे सिलाई- कटाई के मासिक प्रशिक्षण शिविर का निरीक्षण करते हुए उसकी तारीफ भी की। उन्होंने आह्वान किया कि युवा बेकार न बैठे, बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार प्रारंभ करें। संस्थान हर तरह से उन्हें मदद करेगा।
आर- सेटी, दरभंगा के निदेशक संजय कुमार सिन्हा ने सभी मशरूम प्रशिक्षुओं को अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि हमारे यहां इस तरह के स्वरोजगार हेतु अनेक तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिनमें दरभंगा जिला के कोई भी 18 से 35 वर्ष के किसान, युवा या महिलाएं आदि भाग ले सकते हैं।
संस्थान की फैकल्टी रितु कुमारी ने बताया कि जल्द ही मुर्गी पालन, गाय पालन, बकरी पालन तथा मछली पालन आदि का भी निःशुल्क प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा, जिनमें 35 प्रतिभागी भाग ले सकते हैं। जून तक ये शिविर पूर्ण हो जाएंगे।
ललित कुमार झा ने बताया कि सरकार से अनुदानित ऋण प्राप्त करने के लिए इस प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता है। अपने उद्यम आरंभ करने के लिए व्यक्ति के पास यदि अपनी जमीन न हो तो लीज पर भी जमीन लेकर काम शुरू सकते हैं।
मशरूम प्रशिक्षण के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने बताया कि मशरूम प्रोटीन से भरपूर होने के कारण हमें कई बीमारियों से बचाता है। यह बहुत स्वादिष्ट होता है, जिससे लोग कई प्रकार से खा सकते हैं। मशरूम हर व्यक्ति के लिए एक इम्यूनिटी बूस्टर सुपर फूड है, जिसकी खेती और व्यवसाय आत्मनिर्भरता तथा स्वावलंबन का व्यापक संभावनाओं वाला क्षेत्र है। बाजारवाद के मौजूदा दौर में मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन एवं प्रबंधन के क्षेत्र में रोजगार के नए आयाम खुल रहे हैं। यह सिर्फ उत्पादन नहीं, बल्कि कई उत्पादों का जनक भी है। यह बिना खेत की खेती है जो सेहत, स्वाद तथा समृद्धि का प्रतीक है।
इस अवसर पर फैकल्टी खुशबू कुमारी, सहायक नीतीश कुमार, अंकित कुमार तथा प्रशिक्षक- उमानाथ झा, रजनी कुमारी तथा मशरूम के मास्टर ट्रेनर प्रतिभा झा आदि भी उपस्थित थे।