प्रशांत किशोर ने बिहार में चरवाहा विद्यालय की छाप सुधारने का बताया ब्लू प्रिंट, बोले- सरकार हर साल शिक्षा बजट पर खर्च करती है
दरभंगा: बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग कहते हैं कि बिहार में 32 वर्षों में चरवाहा विद्यालय से शुरू होकर पूरे बिहार को चरवाहा बना दिया है। दुनिया में जितने भी शिक्षा के बेहतरीन मॉडल बनाए गए हैं उसमें समाज व सरकार शिक्षण संस्थानों को लोगों तक नहीं ले गए, बल्कि लोगों को शिक्षण संस्थानों तक लेकर आए। हर गांव में शिक्षण संस्थान बनाने की बजाय ऐसी व्यवस्था बनाए कि बच्चों को अच्छे शिक्षण संस्थानों तक पहुंचाया जाए। हमने जो ब्लू प्रिंट बनाया है उसमें प्रखंड स्तर पर 5 विश्वस्तरीय विद्यालय हो और बच्चों को लाने के लिए बस की सुविधा दी जाए तो 15 मिनट से ज्यादा किसी भी बच्चे को स्कूल पहुंचने में नहीं लगेगा। 5 विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान बनाने में करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपए हर साल खर्च होगा, ये खर्च 5 साल में 75 हजार करोड़ रुपए होगा। वर्तमान में बिहार सरकार शिक्षा के बजट पर हर साल 40 हजार करोड़ रुपए खर्च करती है। इसकी एक तिहाई राशि खर्च कर हर प्रखंड में नेतरहाट के स्तर का स्कूल बनाया जाए।
*बिहार में 32 साल में शिक्षा व्यवस्था इसलिए नहीं सुधरी क्योंकि समाज व सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा है ही नहीं: प्रशांत किशोर*
प्रशांत किशोर ने कहा कि कई लोगों को लगता है कि बिहार में शिक्षकों को गुणवत्ता ठीक नहीं है, स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है इसलिए शिक्षा व्यवस्था खराब है। इन दोनों बात में पूरी सच्चाई नहीं है। अगर सिर्फ खिचड़ी बांटने से शिक्षा व्यवस्था खराब हो जाती, तो कॉलेज में तो खिचड़ी नहीं बंट रही है। वहां पढ़ाई क्यों नहीं हो रही। अगर, नियोजित शिक्षकों की वजह से शिक्षा व्यवस्था खराब हो जाती, तो पटना साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज, दरभंगा सीएम साइंस कॉलेज में पढ़ाई क्यों नहीं हो रही है। बिहार में बीते 32 वर्षों में शिक्षा व्यवस्था इसलिए नहीं सुधरी क्योंकि यहां समाज व सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा है ही नहीं। लोग भी यहां अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के लिए नहीं भेज रहे, खिचड़ी खाने के लिए भेज रहे हैं। कॉलेज में बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं भेज रहे, डिग्री लेने के लिए भेज रहे हैं।
Hi, this is a comment.
To get started with moderating, editing, and deleting comments, please visit the Comments screen in the dashboard.
Commenter avatars come from Gravatar.