Mithila News केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस से मिला मिथिला राज्य संघर्ष समिति का प्रतिनिधि मंडल

दरभंगा : अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। समिति के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रो० अमरेन्द्र कुमार झा के नेतृत्व में हुई इस मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें 35 सूत्री मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का अविलंब गठन, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की पढ़ाई अनिवार्य रूप से मैथिली भाषा में शुरू किए जाने, बीपीएससी की परीक्षा में मैथिली भाषी छात्रों को पूर्ववत सुविधा प्रदान किए जाने, मैथिली अकादमी को स्वतंत्र स्थायित्व प्रदान किए जाने, मिथिला की धरोहर मातृलिपि मिथिलाक्षर का संरक्षण एवं संवर्धन करने, दरभंगा में एम्स के निर्माण आ रही अनावश्यक बाधाओं को दूर किए जाने में प्रभावी भूमिका निभाने सहित मिथिला-मैथिली के विकास से संबंधित अन्य ज्वलंत समस्याएं शामिल हैं।

जानकारी देते हुए मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम पहले मैथिल हैं और हर हाल में अपनी जन्मभूमि मिथिला, मातृभाषा मैथिली और मातृलिपि मिथिलाक्षर का समुचित विकास चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मिथिला राज्य हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मिथिला, मैथिली एवं साढ़े आठ करोड़ मैथिल के सर्वांगीण विकास के लिए वे पृथक मिथिला राज्य के गठन को जरूरी मानते हैं। उन्होंने मिथिला, मैथिली एवं मिथिलाक्षर के सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
इस सौहार्दपूर्ण मुलाकात के लिए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’, विद्यापति सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डा बुचरू पासवान, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, प्रो जीवकांत मिश्र एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता ईं शिशिर कुमार झा आदि ने प्रतिनिधिमंडल को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे मिथिला के साढ़े करोड़ लोगों की चिरप्रतीक्षित मांग को बल मिलेगा। डा बैजू ने कहा कि मिथिला राज्य आंदोलन हर मैथिल का आंदोलन है। मांगे पूरी होने तक सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रहेगा।
प्रतिनिधिमंडल में रामचंद्र पासवान, विजय शंकर लाल कर्ण, एडवोकेट डा प्रदीप कुमार झा, समिति के नोएडा संयोजक मदन कुमार झा, पं रंजीत झा, राजनारायण सुमन, मोहम्मद उमर, एडवोकेट रामवचन चौधरी आदि शामिल थे।

Leave a Comment